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तेरे आने की आस लिए बैठा हूं-अब मैंने गुनाह करना छोड़ दिया

Shiv Kishore 08 Jul 2023 शायरी प्यार-महोब्बत गुनाह # इश्क़ बेपनाह# निगाह 5563 0 Hindi :: हिंदी

अब मैंने गुनाह करना छोड़ दिया ,
अब मैंने इश्क़ बेपनाह करना छोड़ दिया ,
वह निकलती है मेरे सामने से कई एक बार दिन में__
अब मैंने उसपे निगाह करना छोड़ दिया ।
_ शिव किशोर , शाहजहांपुर, यूपी

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