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* पक्षी *

akhilesh Shrivastava 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक पक्षी का जीवन 45327 0 Hindi :: हिंदी

* पक्षी *

पक्षी तुम कितने अच्छे हो
ऊंचाइयों को छू सकते हो।
ऊंचाइयों पर उड़कर पक्षी
गर्व नहीं तुम करते हो ।।

राग द्वेष नहीं मन में तेरे
इसीलिए तुम हल्के हो ।
कोई भेदभाव नहीं तुममें
तुम इर्ष्या नहीं करते हो ।।

अपना पराया नहीं है मन में
शांत -चित्त तुम रहते हो ।
पक्षी तुम कितने अच्छे हो
सबको अच्छे लगते हो ।।


प्रेम -प्यार के बंदे हो तुम
तुम दिल से भी सच्चे हो ।
कोई मैल नहीं है मन में
तुम ईश्वर से निर्मल हो ।।

तुम घमंड नहीं करते पक्षी
 स्पर्धा नहीं करते हो ।
ऊंच- नींच नहीं तुममें पक्षी
 सभी धर्मों के सेवक हो।।

पूरा आकाश तुम्हारा पक्षी
तुम स्वच्छंद उड़ सकते हो ।
इंसानों से तुम बेहतर हो
ऊंचाइयों को  छू सकते हो।

राम की रोटी खाई तुमने
कृष्ण  के संग तुम खेले हो।
गुरु गोविन्द का सानिध्य पाया
भगवान के संग खेले हो ।

तुम संदेश के वाहक पक्षी
शांतिदूत कहलाते हो ।
श्राद्ध पक्ष में काग के रूप में
तुम श्रध्दा को पाते हो ।

पक्षी तुम कितने अच्छे हो
इंसानों से तुम बेहतर हो.......

रचियता--अखिलेश श्रीवास्तव एडवोकेट जबलपुर

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