Jyoti yadav 13 Jan 2024 ग़ज़ल समाजिक हमें ना रूलाया कर 4153 0 Other :: Other
इतना ना सताया कर ए जिंदगी हमें ना रूलाया कर मेरे आंसु मुझे खुद ही पोंछना पड़ता है कभी तो तु मेरे आंसु पोंछने आया कर तेरे मेरी क्या दुश्मनी है आखिर तुम हमसे खफा क्यों रहती हो अगर शिकवा है कोई तुझे तो खुल कर बताया कर कभी तो तु मेरे आंसु पोंछने आया कर दोस्त नहीं है मेरा भी कोई इस जहां में अकेले ही रहतीं हूं यहां मैं तु ही मेरी दोस्त बन जाया कर कभी तो तु मेरे आंसु पोंछने आया कर तेरी मेरी दोस्ती खुब जमेगी बस तुम हाथ बढ़ा कर तो देख ए जिंदगी पहली बार ही सही तु इक बार मुसकुरा कर तो देख बड़ी खुब लगती है युं ही मुस्कुराया कर कभी तो तु मेरे आंसु पोंछने आया कर ज्योति यादव के कलम से ✍️ कोटिसा विक्रमपुर सैदपुर गाजीपुर उत्तर प्रदेश 🙏