R mourya ji 30 Mar 2023 शायरी प्यार-महोब्बत मैं 6009 0 Hindi :: हिंदी
अपनो की किमत हमसे ना पूछीये गा जनाब अपना आप गवाह कर अपनो को कमाया है ओर कही पीछे छोड दी ख्वाहिशें अपनी ओर कही पीछे छोड दी अब तो मेने ख्वाहिशें अपनी सपना उस का पुरा करना है हाथ थाम जिसने चलना सिखाया हैं सही गलत का फर्क बड़ी बहन ने सीखा है के उसकी रोक-टोक में भी फिक्र है ना समझो मेरी आजादी से उसे चीड हैं बुरी नजरो से मुझको बचाया हैं हर कदम जो साथ है वो भाई का साया है के ये कामयाबी का लगता कहाँ है बाजार जरा बताओ मुझको ,के अपनो की खतीर बेच आऊ मैं खुद को