SANTOSH KUMAR BARGORIA 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद इस कविता के माध्यम से कवि लोगों के समक्ष यह संदेश देना चाहते हैं की जब परिस्थितियाँ अनुकूल ना हो तो चुप रहने में ही भलाई क्योंकि सत्य तो हमेशा सत्य ही होता है जो एक ना एक दिन लोगों के समक्ष आयेगा ही तब तक अपने जुबां को खामोश रखने में ही भलाई है । 11719 0 Hindi :: हिंदी
परिस्थितियॉ अभी अनुकूल नहीं, खामोश लबों को रहने दो । वो जो उड़ रहे सिध आसमॉ के, अभी उन्हें खुले आसमान में उड़ने दो ।। सत्य तो आख़िर सत्य होता है, एक ना एकदिन सामने आयेगा ही । तबतक रख दिल में धैर्य जरा, इन्तजार हमें तुम करने दो ।। छट जायेंगे दुःख के ये बादल, कट जायेंगे दुख के ये क्षण भी । तबतक इन जज़्बातों को, दिल में दबाये हमें रखने दो ।। अभी सितारे गर्दिश में है, वो जो कह रहे उन्हें तुम कहने दो । परिस्थितियॉ अभी अनुकूल नहीं, खामोश लबों को रहने दो ।। छट जायेंगे दुःख के ये बादल भी, अभी खामोश लबों को रहने दो ।। 🙏 धन्यवाद 🙏 संतोष कुमार बरगोरिया ------------------------------- (साधारण जनमानस)
I am Santosh kumar Bargoria s/o Sri Sewalal Bargoria at 26, Noor Mahammad Munshi lane Howrah -71110...