Kirti singh 04 May 2023 कविताएँ समाजिक रंग रूप शोहरत की रोशनी में हम अपनी रोशनी खो जाते हैं कुछ बेगानों को अपनाकर अपनों को बेगाना कर जाते हैं। 17040 0 Hindi :: हिंदी
रंग रूप शोहरत की रोशनी में हम अपनी रोशनी खो जाते हैं । कुछ बेगानों को अपनाकर अपनों को बेगाना कर जाते हैं, रंग रुप शोहरत की दुनिया में हम जानते हैं कि प्यार नहीं इसलिए हम प्यार की कद्र करना भी छोड़ जाते हैं। रंग रुप शोहरत की रोशनी में हम अपनी रोशनी खो जाते हैं हम अंधेपन में अपना सारा जीवन खो जाते हैं। अंत समय में शोहरत की दुनिया में अपने आप को एक कोने में पाते हैं। Kirti singh