Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

पिता-पिता का कुटुंब ही उसका सारा संसार है

कुमार किशन कीर्ति 04 Aug 2023 कविताएँ समाजिक पिता,कुटुंब 11437 0 Hindi :: हिंदी

एक वृक्ष की तरह होते हैं पिता।
विघ्न_बाधा को झेलकर,
कुटुंब को पालते हैं पिता।

सारी समस्याओं को सुलझाकर,
चेहरे पर हंसी लाते हैं पिता।
अपनी अभिलाषाओं को दबाकर,
संतानों की खुशियां चाहते हैं पिता।

पिता का कुटुंब ही उसका सारा संसार है।
उसी संसार में अपना,
प्रेम समर्पित कर देते हैं पिता।

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: