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पंछी उड़ती आसमान तक- मानव उड़ता अखंड ब्रह्मांड तक

मोती लाल साहु 10 Jan 2024 शायरी अन्य 5903 0 Hindi :: हिंदी

पंछी को है पर-
उड़ती सिर्फ़ ए-आसमान तक,

ज्ञान का पर जहां-
उड़ता ए-अखंड ब्रह्मांड तक,

दरबार-ए-रब तक-
पहुंच है स्वरूप ज्ञानी को-जनाब,,

अतएव जीव श्रेष्ठ-
लोक परलोक तक मानव है....!!!!
-मोती

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