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मोहब्बते मुस्तफा

Shabiya noor mansuri 30 Mar 2023 शायरी धार्मिक यादें मुस्तफा 13453 0 Hindi :: हिंदी

मोहब्बत ही मोहब्बत दिल।मैं मेरे मुस्तफा की रहती है, मेरी सासो में या रसुल्लाह की एक तस्बीह सी रहती है में उम्मती हु उनकी मेरी ये खुश नसीबी है, मेरे दिलो दिमाग में हर वक्त बस यादें मुस्तफा रहती हैं, बस यादें मुस्तफा रहती हैं

दिलो से दर्द के काटे निकाल देता हैं बस उनका एक नाम मुसीबत को टाल देता हैं में अशिके मुस्तफा हु, नबी मेरे मुस्तफा हैं या रसुल्लाह का एक नारा मुसीबत को टाल सकता हैं

लबों में यादें मोहम्मद के तराने रहते हैं, हम प्यारे नबी के दीवाने रहते हैं चाहे लाख मुसीबते क्यों न आए जिंदगी में हम उम्मति  हैं उनके हम बस उनके सहारे लेते है

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