संदीप कुमार सिंह 02 May 2023 कविताएँ देश-प्रेम मेरी यह कविता समाजिक हित में है। जिस पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 6682 0 Hindi :: हिंदी
वतन पर जान रहे कुर्बान, वतन पर कर्म रहे कुर्बान। यही अब अटल भरी है चाह, चले यह मिशन दूत सब राह। अगर हो कभी देश पर जंग, लहू के कतरा कतरा संग। रहे यह मेरा शरीर काल, उसे कर करने को भूचाल। जन्म यह कर दूं नाम देश, देश के सभी ओर हो जोश। देश के लिए जीना सुशान, यही अब करूं काम महान। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....