Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम न जाने बो कैसे थे 13002 0 Hindi :: हिंदी
न जाने बो कैसे थे किस मिटी से बने थे न टूटते थे डंडो से न हारते थे पंगो से चाहे बिरोधी अपना हो या कपटी अंग्रेज किसी से नहीं डरते थे न जाने बो कैसे थे बो कैसा मंजर होगा माँ का सीना झांझर होगा जब भगत सुखदेव और राजगुरु को सूली पे चढ़ाया होगा तब माँ भारती भी रोई होगी न जाने बो कैसे थे जब जलीय बाला था खून में लथपथ तब कहा गए थे गाँधी बाबा नेहरू चाचा क्यों चुप थे न जाने बो कैसे थे किस मिटी से बने थे