Sudha Chaudhary 18 May 2023 कविताएँ समाजिक 6687 0 Hindi :: हिंदी
जिंदगी खोजती है पैमाने, हर मोड़ पे मिल जाते हैं में खाने। इसे समझो ना शिकायत यह तरीका है पास लाने का आज हूं तो हवाएं भी मुड़ के आयेगी मेरे बाद कौन पूछेगा तुम्हें। समंदर के पानी से प्यास नहीं बुझती बुझेगी प्यास घर का दिया जलाने से। सुधा चौधरी