Sudha Chaudhary 27 Jul 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत 9313 0 Hindi :: हिंदी
तुम्हारे प्रेम में सब कुछ था मेरी संवेदना का रूप था। सानिध्य मिलता गया अधीरता ने हृदय से लगाया निकटता ने सारी कमी छीन ली तुम्हारा प्रेम मुझ में इतना समाया। अधर चुप थे कहने लगे मृगनयनी मुझे कहने लगे। स्पर्श का भी सहारा मिला पुलकित मेरा मन सारा हुआ। हंसी में तुम्हारे मैं संवरने लगे अभिलाषा ने जाना पहली बार रूप की चांदनी भी महकने लगी। सुधा चौधरी बस्ती