Rambriksh Bahadurpuri 30 Mar 2023 कविताएँ धार्मिक #Rambriksh Bahadurpuri Ambedkar Nagar #krishna per kavita #krisna baal leela#Ambedarnagar poetry 88634 0 Hindi :: हिंदी
कविता -कृष्ण बाल लीला अब आन बसौ मोहन मन में, तेरी सूरत मन को भावत है। बचपन में तू जीवन की सबै, खूब लीला करत दिखावत है।| ठुमकत चलत बजै पैजनिया, तन मन में प्रीति जगावत है। किलकारी मार हसत आगन,जग भर में सबै हसावत है।| बचपन का तेरा रूप सलोना, चंचल चित्त को ठहरावत है। नैन कमलवत तिरछी भौंहे, मेरे चित् को चोर बनावत है।| मोर मुकुट सिर सोहत जैसे, इंद्रधनुष रंग बनावत है। श्यामल वर्ण मनोहर तन, घनश्याम कै याद दिलावत है।| अधरों के बीच बजाय मुरली, बिन बादल मोर नचावत है। लीला भी करते गजब किसन, मुख में ही जग दिखलावत है संयोग वियोग कै खेल रचाके,सुख-दुख कैनीति सिखावत है हठ में भी तेरे प्रीति सधै सब,नभ चांद को भूमि बुलावत है।| ग्वालन के संग गाय चरइया, मिल माखन खूब चुरावत है। गोपियन के संग रास रसैया, मधुरस प्रेम बरसावत है।| बिप्र सुदामा को मीत बनाकर,सुख दुःख सरस निभावत है। दीनन कै तू दान देवइया, करुणानिधि नाथ कहावत है। | तुम लेकर जन्म काल कोठरी में, देवकी वासुदेव सुहावत है। भादों माह गहन अधियरिया, यमुना से चरण छुआवत है।| दो दो मइया पाय कन्हैया ,दो मां का महत्व समझावत है। निरखि निरखि तेरा लीला प्रभु,सबै देव फूल बरसावत है।| रचनाकार -रामबृक्ष बहादुरपुरी अम्बेडकरनगर
I am Rambriksh Bahadurpuri,from Ambedkar Nagar UP I am a teacher I like to write poem and I wrote ma...