Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

चल किसी मोड़ पर मिलते हैं!

DIGVIJAY NATH DUBEY 08 Apr 2024 गीत प्यार-महोब्बत #हिंदी साहित्य#hindipoem #sahityalive #hindikavitayen 2740 0 Hindi :: हिंदी

चल किसी मोड़ पर मिलते हैं
कुछ राहें पीछे छूट गई 
कुछ गलियां हमसे रूठ गई
कुछ सपने ढेरों भरे थे हम
कुछ आशा अपनी टूट गई
उन वादों को एक बार चलो
 फिर से  उजागर करते हैं
कुछ पल अपना हमको देदो
चल किसी मोड़ पर मिलते हैं

क्या दिन थे वो क्या रातें
जब फूलों की बरसाते थी
वो पतझड़ के पत्ते जब तेरे 
बालो को सहलाते थे 
वो कोयल की मीठी बोली
एक नई धुन बनाते थे 
दिन कैसे कट जाया करते
तब दिन भी शायद छोटे थे
अब आज कहां पतझड़ दिखता
और कहीं नहीं हरियाली है
दिन तो फिर भी कट जाते हैं
रातें ये कितनी काली हैं
दुनिया कितनी रंगीन दिख रही
कुछ लोग हैं मुझसे बोल रहे 
पता नही क्यों करुण हृदय में 
नीम के पत्ते घोल रहे 
अब आशा कहां निराशा है
सर्वत्र ही सर्वनाशा है
पर अभी भी थोड़ी दिल के अंदर
तेरी थोड़ी जिज्ञासा है
एक बार अगर मिल जो तुम
अंशू भी तेरा छलका होगा
जो बोझ है दिल में मैं रखा
वो भी थोड़ा हल्का होगा
उम्मीद नई लेकर फिर से
फिर से उजियारा करते हैं
चल किसी मोड़ पर मिलते हैं 

दिग्विजय

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

ये खुदा बता तूने क्या सितम कर दिया मेरे दिल को तूने किसी के बस मैं कर दिया वो रहा तो नहीं एक पल भी आकर टुकडें- टुकड़ें कर दिये ना विश्वा read more >>
Join Us: