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आवारा-सलामत रहा हमारा बजूद क्योकि हम खुद को आवारा समझते थे

Baba ji dikoli 02 Jul 2023 शायरी प्यार-महोब्बत शायरी/गीत/संगीत/#babajidikoli/साहित्य/गजल 6427 0 Hindi :: हिंदी

मिट गये बो लोग जो मुहोब्बत को हीर 
और खुद को राँझा समझते थे।
सलामत रहा हमारा बजूद क्योकि हम,
खुद को आवारा समझते थे।
#babajidikoli

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