Chanchal chauhan 30 Mar 2023 शायरी अन्य गिरकर संभलते रहे हम 57485 0 Hindi :: हिंदी
जिंदगी के सफर में रुक -रुक कर चले हम,कभी हार के बैठे ना हम, हार भी गये फिर भी चलते रहे हम, आये जिंदगी में ना जाने कितने, आंधी, तूफान ,गिरकर भी संभलते रहे हम,
Mera sapna tha apne bicharo ko logo tak phunchana unko jiwn ki sikh ,prerna dena unmai insaniyat jag...