Karuna bharti 30 Mar 2023 शायरी समाजिक Google 67700 0 Hindi :: हिंदी
धितकार भरी नजर, फिजूल थे सबकी नजरो मे न थी अहेमियत, बेकार केह रहे थे हर किसी ने सफलता की शिखर चढ़े तो ,लगा की सुकून मिली तब हम भी गिने जाने लगे इंसानो मे
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