Karan Singh 30 Mar 2023 आलेख धार्मिक Ram/जय श्री राम/धार्मिक महत्व/सपनों का सौदागर.... करण सिंह/ Karan Singh/google/सनातन धर्म/स्टोरी/shayari/शायरी/संत रविदास/Ram/जय श्री राम/धार्मिक महत्व/सपनों का सौदागर.... करण सिंह/ Karan Singh/google/सनातन धर्म/स्टोरी/shayari/शायरी/संत रविदास/*🌳🦚प्रेरक कहानी🦚🌳* *💐जमी हुई नदी💐* 👌सपनों का सौदागर....करण सिंह👌/जमी हुई नदी/*प्रेरक कहानी* 👇👇👇 *"पडोसी......* 💐प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर..... करण सिंह💐/पड़ोसी/*🌳🦚प्रेरक कहानी🦚🌳* *💐💐अनोखी साइकिल रेस💐💐* #प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर......करण सिंह#/अनोखी साइकिल रेस/*प्रेरणास्पद कहानी..✍🏻* *काबिलियत की पहचान..* 💐सपनों का सौदागर.......करण सिंह💐/काबिलियत की पहचान/ ●प्रेरक कहानी● *झूठा अभिमान* 💐प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर......करण सिंह💐/झूठा अभिमान/*प्रेरक कहानी* *'स्टील का डब्बा'* 💐सपनों का सौदागर.......करण सिंह💐/स्टील का डिब्बा/*उत्पत्ति एकादशी व्रत कथा:-* 💐प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर......करण सिंह💐/एकादशी व्रत कथा/*प्रेरक कहानी* *पिता पुत्र के प्यार का अंतर* 💐सपनों का सौदागर......करण सिंह💐/पिता पुत्र के प्यार का अंतर/*शास्त्रों में ॐकार की महिमा* 💐प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर.....करण सिंह💐/ॐकार की महिमा/ 11863 0 Hindi :: हिंदी
★■★■★■★■★■★■★■★■★■★■★ *शास्त्रों में ॐकार की महिमा* 💐प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर.....करण सिंह💐 ★■★■★■★■★■★■★■★■★■★■★ *‘प्रणववाद’ ग्रंथ में ॐकार मंत्र से संबंधित २२ हजार श्लोकों का समावेश है।* *पतंजलि महाराज ने कहा है: तस्य वाचक: प्रणव:। (पातंजल योगदर्शन )* *‘ॐ’ (प्रणव) परमात्मा का वाचक है, उसकी स्वाभाविक ध्वनि है और सबमें अपने-आप यह ध्वनि हो रही है लेकिन आज का मनुष्य इतना बहरा है, इतना बहिर्मुख है कि ॐकार को बाहर से, भीतर से नही सुन पाता है इसलिए गुरुदेव देते हैं मंत्र।* *‘ॐ’ बीजमंत्र है। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है: प्रणव: सर्ववेदेषु.... वेदों में मैं ‘ॐ’ हूँ।* *प्रणव अर्थात ‘ॐ' संसार की सारी विद्याएँ जिन शब्दों से उच्चारित होती है उनका मूल है ‘ॐ’, शास्त्रों में इसका व्यापक रूप से वर्णन किया गया है।* *ॐ कार मंत्र में की शक्तियाँ हैं-* ★■★■★■★■★■★■★■★■★■★■★ *शास्त्रों में ॐकार की महिमा* 💐प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर.....करण सिंह💐 ★■★■★■★■★■★■★■★■★■★■★ *रक्षण शक्ति:* ॐ सहित मंत्र का जप करते हैं *तो वह हमारे जप तथा पुण्य की रक्षा करता है ।* किसी नामदान के लिए हुए साधक पर यदि कोई आपदा आनेवाली है, कोई दुर्घटना घटने वाली है *तो मंत्र भगवान उस आपदा को शूली में से काँटा कर देते हैं।* साधक का बचाव कर देते हैं। ऐसा बचाव तो एक नहीं, मेरे हजारों *साधकों के जीवन में चमत्कारिक ढंग से महसूस होता है।* *गति शक्ति:* जिस योग में, ज्ञान में, ध्यान में आप फिसल गये थे, उदासीन हो गये थे। किंकर्तव्यविमूढ़ हो गये थे *उसमें मंत्रदीक्षा लेने के बाद गति आने लगती है।* मंत्रदीक्षा के बाद आपके अंदर गति शक्ति कार्य में आपको मदद करने लगती है। *कांति शक्ति:* मंत्रजाप से जापक के *कुकर्मों के संस्कार नष्ट होने लगते हैं* और उसका चित्त उज्जवल होने लगता है। उसकी आभा *उज्जवल होने लगती है,* उसकी मति-गति उज्जवल होने लगती है और *उसके व्यवहार में उज्जवलता आने लगती है।* ★■★■★■★■★■★■★■★■★■★■★ *शास्त्रों में ॐकार की महिमा* 💐प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर.....करण सिंह💐 ★■★■★■★■★■★■★■★■★■★■★ इसका मतलब ऐसा नहीं है कि *आज मंत्र लिया और कल सब छूमंतर हो जायेगा...* धीरे-धीरे होगा। एक दिन में कोई स्नातक नहीं होता, एक दिन में कोई एम.ए. नहीं पढ़ लेता, *ऐसे ही एक दिन में सब छूमंतर नहीं हो जाता।* मंत्र लेकर ज्यों-ज्यों आप श्रद्धा से, एकाग्रता से और पवित्रता से जप करते जायेंगे *त्यों-त्यों विशेष लाभ होता जायेगा।* *प्रीति शक्ति:* ज्यों-ज्यों आप मंत्र जपते जायेंगे *त्यों-त्यों मंत्र के देवता के प्रति, मंत्र के ऋषि, मंत्र के सामर्थ्य के प्रति आपकी प्रीति बढ़ती जायेगी।* *तृप्ति शक्ति:* ज्यों-ज्यों आप मंत्र जपते जायेंगे त्यों-त्यों आपकी *अंतरात्मा में तृप्ति बढ़ती जायेगी,* संतोष बढ़ता जायेगा। जिनको गुरुमंत्र सिद्ध हो गया है उनकी वाणी में सामर्थ्य आ जाता है। *नेता भाषण करता है त लोग इतने तृप्त नहीं होते,* किंतु जिनका गुरुमंत्र सिद्ध हो गया है ऐसे महापुरुष बोलते हैं तो *लोग बड़े तृप्त हो जाते हैं* और महापुरुष के शिष्य बन जाते हैं। *अवगम शक्ति:* मंत्रजाप से दूसरों के *मनोभावों को जानने की शक्ति विकसित हो जाती है।* दूसरे के मनोभावों को आप अंतर्यामी बनकर जान सकते हो। ★■★■★■★■★■★■★■★■★■★■★ *शास्त्रों में ॐकार की महिमा* 💐प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर.....करण सिंह💐 ★■★■★■★■★■★■★■★■★■★■★ *प्रवेश अवति शक्ति:* अर्थात् सबके अंतरतम की *चेतना के साथ एकाकार होने की शक्ति ।* अंतःकरण के सर्व भावों को तथा पूर्वजीवन के भावों को और भविष्य की यात्रा के भावों को जानने की *शक्ति कई योगियों में होती है।* वे कभी-कभार मौज में आ जायें तो बता सकते हैं कि *आपकी यह गति थी, आप यहाँ थे, फलाने जन्म में ऐसे थे, अभी ऐसे हैं।* जैसे दीर्घतपा के पुत्र पावन को माता-पिता की मृत्यु पर उनके लिए शोक करते देखकर *उसके बड़े भाई पुण्यक ने उसे उसके पूर्वजन्मों के बारे में बताया था।* *यह कथा योगवाशिष्ठ महारामायण में आती है।* 🕉️🌞🔥🔱🐚🔔🌷 ★■★■★■★■★■★■★■★■★■★■★ *शास्त्रों में ॐकार की महिमा* 💐प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर.....करण सिंह💐 ★■★■★■★■★■★■★■★■★■★■★