Uday singh kushwah 02 Jul 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत गूगल याहू बिंग 5335 0 Hindi :: हिंदी
तुम खुश हो, या दुखी, मुझे नहीं मालुम, क्योंकि कई जमाने से, तुम से नहीं मिला... परन्तु मैं, मैं हमेशा, तुम खुश होगी, यही मिथ्या सोच कर, रोज खुश होता हूं। उदय सिंह कुशवाहा ग्वालियर मध्य प्रदेश