संदीप कुमार सिंह 08 May 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5595 0 Hindi :: हिंदी
समाधान हर बात का,होता नहीं निराश। सुख दुख तो आते रहे, मन में दिव्य प्रकाश।। समाधान हर बात का,बनूं नहीं मैं दुष्ट। रखूं सदा मैं मित्रता,जीवन हो तब पुष्ट।। समाधान हर बात का,चिन्ता मत कर यार। दिल से ठोस जवाब दें,रहें नहीं बेजार।। समाधान हर बात का,धीरज धरना सीख। पूरे होंगें आस सब, बंद करें अब चीख।। समाधान हर बात का,क्यों करते हो मार। कर लें मिलकर बात सब,दुनिया हो गुलजार।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....