Aniket 30 Mar 2023 कहानियाँ हास्य-व्यंग लेखिका : वीना शर्मा By : आदर्श शिक्षा इंस्टीट्यूट 16727 0 Hindi :: हिंदी
एक दिन शेखचिल्ली अपने दोस्तों के साथ एक नुक्कड़ पर बैठकर बातचीत कर रहा था। तभी एक सज्जन ने वहां आकर एक सवाल पूछा, “शेख साहब के घर कौन सी सड़क जाती है?” इससे पहले कि कोई जवाब देता शेखचिल्ली बोला, ” माफ कीजिएगा ! कोई भी सड़क शेख साहब के घर नहीं जाती।” दरअसल वह व्यक्ति शेखचिल्ली के पिता का दोस्त था और उसी से उसके घर का रास्ता पूछ रहा था। शेख साहब सब शेख चील्ली के पिता को ही कहते थे। इसके बाद वह व्यक्ति बोले, “क्या कह रहे हो बेटा? इन तीनों में से कोई भी सड़क शेख साहब के घर नहीं जाती? इसी गांव में तो रहते हैं शायद शेख साहब! क्या यह उनका गांव नहीं है?” इस प्रकार सवालों की बौछार पर शेखचिल्ली बोला, ” श्रीमान! गांव तो यही है। और उनका घर भी यहीं है। बस इनमें से कोई सड़क वहां नहीं जाती। ये सड़कें तो बस यहीं पड़ी रहती है दिन रात! जाना तो आपको ही होगा।” ” मैं उनका बेटा हूं, शेखचिल्ली मैं आपको खुद पहुंचा देता हूं। आपको मेरे साथ चलना होगा और आप पहुंच जाएंगे।” यह सब सुनकर शेखचिल्ली के दोस्त हंसने लगें और वो सज्जन भी हंसने लगे। और शेख चील्ली के साथ उसके घर को चल दिये। लेखिका : वीना शर्मा By : आदर्श शिक्षा इंस्टीट्यूट Note : अगर आपको यह है लेख पसंद आया हो तो प्यारा सा कमेंट और हमें फॉलो करना ना भूलें हम हर रोज आप तक एक प्यारा सा लेख हर रोज पहुंचाएंगे धन्यवाद