मोती लाल साहु 30 Mar 2023 ग़ज़ल समाजिक या खुदा तुम्हारा शुक्र है कि,मुझे किनारा मिल गया है। 91239 0 Hindi :: हिंदी
या खुदा तुम्हारा शुक्र है कि, मुझे किनारा मिल गया है! फिरता था बेगाना बिन राह, डूबते को सहारा मिल गया है। अब तो वह खेवनहार मुझे, मेरा माझी मिल गया है।। या खुदा तुम्हारा शुक्र है कि, मुझे किनारा मिल गया है! सफर सुहाना सा लगता है, तुम है तो ए-जिंदगी बरना। कौन इतना करीब रहता है, मुझे मेरा प्यार मिल गया है।। या खुदा तुम्हारा शुक्र है कि, मुझे किनारा मिल गया है! -मोती