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कुछ तो उलफत कर यार मुझ गरीब पर-जलेंगे लोग सभी मेरे नसीब पर

संदीप कुमार सिंह 11 Nov 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाज हित में है।जिसे पढ़ कर पाठक गण काफी लाभांवित होंगे। 4925 0 Hindi :: हिंदी

#विधा:_मुक्तक छंद
#मात्रा:_21(08/13 पर यति)
#"सृजन समीक्षार्थ प्रस्तुत"
कुछ तो उलफत, कर यार मुझ  गरीब पर।
आ जाओ तुम, जान दिल के करीब पर।
फिर तुम गुलशन, और मैं महक बन जाऊं_
जलेंगे लोग, सभी मेरे नसीब पर।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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