Ranjana sharma 16 Oct 2023 कविताएँ दुःखद 10863 0 Hindi :: हिंदी
दिन-रात तेरी याद में कितना तड़पते हैं हम तुझे खबर ही नहीं कैसे जीते हैं हम जिंदगी जी तो रहें हैं पर जिंदगी है कहां मौत भी हमें देख अब मुस्कुरा रही हैं वहां अच्छी नहीं लगती ए जीवन के रंग हजार तेरे बिन हर रंग फीका है ओ मेरे यार तन्हाई का आलम बड़ा ही बेरहम है साथ तेरा नहीं,तो हर चीज अधूरी सी लगती है ऐ पागल निगाहें हर जगह बस तुझको ही ढूंढ रही है तेरी परछाई भी अब मुझको कहीं नजर ना आ रही है जुस्तजू में समा गया है तू हर आरज़ू मेरा तू ही है तू तसव्वुर में कोई नहीं बसता सिवा तेरे मुझे नजर कुछ ना आता कफस में थी मेरी ख्वाहिशें तूने आकर उसे जगाया पर अफसोस जगाकर तूने ही उसे फिर वहीं लाकर छोड़ दिया अब ना उम्मीद है तुझसे किसी चीज की , बड़ा गुरूर था मूझपे तेरे प्यार की अच्छा हुआ टूट गया एक पल में ही सारा भ्रम झूठे प्यार की धन्यवाद