संदीप कुमार सिंह 27 May 2023 आलेख समाजिक मेरा यह आलेख समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 3892 0 Hindi :: हिंदी
प्यार शब्द पूरे सृष्टि के अनन्त शब्दों में एक इकलौता अति पावन शब्द है। प्यार को जब कोई अपने हृदय में बसाकर कामना करता है तो उस कामना का 99%पूर्ण होने की संभावना रहती है। प्यार वह जहां स्वयं का सुख सुविधा नहीं देखा जाता है। जिसके प्रति मेरे दिल में प्यार है उसके सारे गम दुःख को अपना बनाना पड़ता है। अब सवाल यह उठता है की मैं या यह सारी दुनिया किसी के दुःख गम को अपना बनाने के काबिल रहूंगा तब न दूसरे के दुःख गम को अपना बनाऊंगा। तो इन बातों के मद्देनजर पहले किसी भी जन को खुद से प्यार करना आना चाहिए। अपने प्रति पहले ईमानदार होना चाहिए। जब हम सब खुद से प्यार करेंगे मतलब अपने तन_मन_धन से तो यह ख्याल बना रहेगा की इसे और बढ़िया बनाया जाय या और आगे बढ़ाया जाय। एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ बुद्धि बसती है। और जब आपके पास स्वस्थ बुद्धि होगी तब ही आप सही मायने में इस दुनिया से , अपने आप से, सच्चा प्यार कर सकते हैं। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....