Poonam Mishra 30 Mar 2023 गीत समाजिक दिल की इच्छाएं 46546 0 Hindi :: हिंदी
न जाने मन में कितनी इच्छाओं को लिए यह जिंदगी का सफर चलते चला जा रहा है यदि राह में पतझड़ भी मिल जाएगा तो उसको मैं दिल से बसंत बना लूंगी मैं पता नहीं है अब तक हमने मन से कितना दुख जिया है इस सफर में अभी भी कुछ इच्छाएं जो अधूरी है उसके लिए दिल से नीर बहा लूंगी मैं दिल् ने यही मांग की है हर दिन की सुबह शाम से इतना प्यार तुम्हें दिल से मैं दे दूंगी कि आकर मेरे जीवन में फिर तुम ना जा सकोगे इतना दिल से पास बुला लूंगी मैं