RAJNI CHOUDHARY 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मां का वात्सल्य प्रेम 104624 0 Hindi :: हिंदी
मां 👉 मां जीवन का आधार है करुणा से भरा उपकार है दुख दर्द सहन करती है मां अपना हर एक कोर खिलाकर मेरी काया सजाती है मां भीगी आंखों को मेरी पोछती है मां मेरे अशांत अंतर्मन को टटोलती है मां जो धूप में छांव देती है वह होती है मां मेरे गम के हर एक अश्क को धोती है मां गिरती हूं तो थाम लेती है मां रात की तन्हाई में साथ होती है मां अपनी रोटी मुझे खिला कर मुस्कुराती है मां नैनों में शीतल धारा जैसी होती है मां गगन में चमकीले तारो जैसी होती है मां मेरी हकलाती जुबा को शब्द देती है मां हर गिरते शब्द को थाम लेती है मां मेरे आंसूओं को आंचल में फिरौती है मां मेरी हंसी को गोद में लेती है मां संस्कारों में सबसे अनमोल होती है मां अब मैं किन शब्दों में बयां करूं क्या होती है मां Rajni choudhary