Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

नारी का स्वाभिमान-नारी देश की उज्जवल है नर देश के रच्क्षक

janak nandani 27 Aug 2023 कविताएँ अन्य नारी के आत्मसम्मान की बडा ही सरल भाव मे विवेचना किया गया है l 10414 0 Hindi :: हिंदी

नारी देश की उज्जवल है
नर देश के  रच्क्षक l
कभी नहीं झुकने देंगीँँ
अपने देश का मस्तक ll
अरमाँँनो को पुरा करती l
मिट्टी की वो लाज बचाती ll
घर संसारो की शोभा वो
बन जायेँं सबका अंशक
कभी नहीं झुकने  देंगी.....
हर कुल के तारीक पर
प्रभाव दीपक जलाती  l
छटा है l ये स्वरुप उनका 
जिसमेँं भुवन बनाती ll
आवाज लगाये आलय को
तु बना रहे l  मेरा दर्शक
कभी नहीं झुकने  देंगी .......

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: