Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

रोजी रोटी के लिए-परेशान हैं लोग

संदीप कुमार सिंह 18 Nov 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है।जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगे। 7616 0 Hindi :: हिंदी

(दोहा छंद)
रोजी रोटी के लिए,  परेशान हैं लोग।
कुछ जन को तो बहुत है,कुछ को कुछ मत भोग।।

रोजी रोटी के लिए, करना पड़ता काम।
करा मेहनत से मिले,सुन्दर  प्रसिद्ध नाम।।

रोजी रोटी के लिए,करना यार प्रयास।
बैठे से कुछ हो नहीं, बुझे नहीं है प्यास।।

रोजी रोटी के लिए, पूरा जीवन खत्म।
एक एक को जोरि कर,जीवन का यह नज्म।।

रोजी रोटी के लिए,युवा वर्ग में रोश।
दर दर नित भटके युवा,नहीं  किसी को होश।।
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: