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वक्त ,,,

Prem Nagesh 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य वक्त एक पेहलु 47619 0 Hindi :: हिंदी

       वक्त ,, 
वक्त हमसे कह रहा था ,
कल मैं आऊंगा ।
आज हमसे कह रहा था,
कल मैं जाऊंगा ।
कर ले उपयोग मेरा ,
और कभी ना मैं आऊंगा ।
जन्म इतना ही है मेरा ,
कुछ पल में मर जाऊंगा ।

मेरा जन्म तेरा कर्म ,
कर ले वरना पसताऐगा ।
लौट कर तो कभी नहीं आऊंगा ,
बस डुनते रह जाओगे ।
याद हमेशा आऊंगा,
लेकिन लौट कभी ना आऊंगा ।
कर ले हर काम मुझपे 
आज बन के और कल मैं ना आऊंगा ।

चल रहा में  हर रूप में तुझपे ,
तेरा अंग का धारा हूं ।
तु डुबेगा तो मैं डुबेगा ,
तु साहिल तो मैं किनारा हूं 

कब तक चलुंगा , पता नहीं 
सदियों से मेरा आना है ।
आज हि तु मुझे पा लेगा , 
कल से ना कोई मेरा नाता है ।

Prem ,,,,

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