संदीप कुमार सिंह 01 May 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाजिक हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 4872 0 Hindi :: हिंदी
मोहब्बत की दुनिया, जिस पथ पे तुम चले, उस पथ पे मुझे आँचल तो, बिछाने दे। साथी न समझ कोई बात नहीं, मुझे साथ तो आने दे। थक जाएगा जब राहों में, बाहों का सिरहना दुँगी। तेरे सुने - सुने जीवन में, मैं प्यार का रंग भर दुँगी। मुझे तेरे कदम नहीं बिंदया से कम, माथे पे सजाने दे। जिवन के डगर में, तुझको साथी की जरूरत होगी। दिया कैसे जलेगी अकेले ? बाती की जरूरत होगी। मैं बनुगीं पिया, तेरे पथ का दीया। दिया पथ में जलाने दे। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....