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अजनबी इस तरह बस गए दिल में तुम-चाह कर भी न तुमको भुला पा रहे

MAHESH 18 Jul 2023 गीत प्यार-महोब्बत प्यार -महोब्बत 7616 0 Hindi :: हिंदी

स्वरचित रचना- अजनबी इस तरह बस गए दिल में तुम...!
संदर्भ-प्यार -महोब्बत 

अजनबी इस तरह बस गए दिल में तुम
चाह कर भी न तुमको भुला पा रहे!
हमनशीं बन गए चंद घड़ियों में तुम
हम तेरे लिए खुद को भुला जा रहे!
जाने कब क्यूं व कैसे बसे दिल में तुम,
हम तेरे  गीत ही  प्रीति  के  गा रहे!
आंखों में तेरे सपने हां पलने लगे,
आहों   में  दर्द   तेरे  रुला  जा  रहे!
सूना-सूना सा लगता है तेरे बिना,
जिंदगी  में  कहीं  कुछ कमी पा रहे!
बंदगी में भी जब बंद होते नयन,
तेरे  ही अक्स के नक्श आ जा रहे!
दर्द तू ही दवा तू ही बन बैठा है,
मर्ज ऐसा है कि कुछ न कह पा रहे!
आ भी जाओ न अब ऐ महेश्वर मेरे,
तेरे सदके हां सब कुछ लुटा जा रहे।
                       ~✍️महेश

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