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तेरी दीवानी-पनघट पर पहली बार मिली थी वह मुझसे यार

महेश्वर उनियाल उत्तराखंडी 08 Sep 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत 12630 0 Hindi :: हिंदी

तेरी दीवानी”

पनघट पर पहली बार
मिली थी वह मुझसे यार
तीर चले नैनो के पार
हो गया था मुझको प्यार ||

वो लेने आई पानी थी
क्या मस्त भरी जवानी थी
वो मेरे सपनों की रानी थी
यहीं से शुरू हुई कहानी थी ||

उसको पाने की जिद्द
मैंने मन में ठानी थी
दिल खोल के सारी बातें
अब उसको बतलानी थी ||

देखा क्या उसने मुझको
मुझ पर जादू चल गया
सब्र नहीं होता है
अब तो मौसम बदल गया ||

आख़िर उससे पूछ लिया
यह तेरी, कैसी नादानी थी,
मुस्कुराकर उसने बोला
मैं तो तेरी ही दीवानी थी ||

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