Ritin Kumar 23 Aug 2023 आलेख अन्य #रितिन_पुंडीर #लेख 7380 0 Hindi :: हिंदी
उस कौम को ? जिनके पूर्वजो ने ब्राह्मण, गौमाता, ओर स्त्री की रक्षा के लिए 14 साल वनों में रहकर रावण को मार गिराया ?? या फिर आप उन्हें राष्ट्रवाद सीखा रहे है ? जिन्होंने अपने मामा कंस को केवल इसलिए मारा क्यो की वह यवनों को भारत मे बसा रहा था ? राजपुत राष्ट्रवादी ही थे, इसी कारण अपने मामा तक का वंश जड़ से खत्म कर डाला । ऐसा ही एक क्षत्रिय लासित बोरफुकन ने किया था, जब एक रात में युद्ध की तैयारी के लिए किला तैयार नही हुआ तो मामा का सिर यह कहकर उड़ा दिया " कि यहां राष्ट्र खतरे में है, ओर तुम्हे नींद आ रही है , देश से बड़ा मामा नही ? किसे राष्ट्रवाद सीखा रहे है आप ? स्कंदगुप्त जैसे वीरो के वंशजो को ?? जब 12 - 13 वर्ष का किशोर स्कन्दगुप्त अपने पिता के अंतिम समय मे अकेले पिता से मिलने पहुंचे। पिता को लगा कि यह किसी स्वार्थ से ही आया होगा । लेकिन स्कंद के तो शब्द ही अन्य लोगो से कुछ और थे, आशीर्वाद दीजिये पिताश्री, में हुणों को उनकी मांद तक खदेड़ने जा रहा हूँ । अब शायद मेरी आपसे दुबारा भेंट ना हो । या तो मैं हुणों का सर्वनाश करके वापस लौटूंगा, या मेरी लाश भी युद्धभूमि पर ही गिरेगी । यह 12 - 13 साल का बालक , 15 साल तक युद्धभूमि में सोया, सेनिको के साथ एक आम सैनिक बनकर जिया, लेकिन जब वापस लौटा, तो सम्पूर्ण पृथ्वी पर विजय प्राप्त कर लौटा, अपने देश को सुरक्षित करके लौटा । जब 15 साल के कालभोज की उम्र खेलने खाने की थी, तब वह बालक अपने नोसिखया यारो को लेकर अफगानिस्तान तक पहुंचा, ओर वहां के मुसलमान शाशक को गद्दी से उतार फेंका । अपनी जान से ज़्यादा जिन्होंने धर्म को माना हो, जिनका स्लोगन ही यह रहा हो " जो दृढ़ राखे धर्म को, वहीं रखे करतार " उन्हें राष्ट्रवाद कैसे सीखा सकते है आप ?? आप संभाजी महाराज के वंशजो को राष्ट्रवाद सिखाएंगे ??? जिन्होंने औरँगेजेब की लाख यातनाएं सहने के बाद भी, मृत्यु से ना डरकर यह कहा हो " यह जबां तो हर हर महादेव ही बोलेगी, संभाजी चाहे लाख बार जियें, या लाख बार मरें । राममंदिर को पुनः स्थापित करने के लिए लाखों राजपूत आज तक अपने प्राण गंवा चुके है । सालार मसूद गजनी की कब्र खोदने वाले राजपूत थे, जिस सालार मसूद गजनी के नाम से हवा भी ख़ौफ़ खाती थी, उसे मिट्टी में मिलाने वाले राजपूत थे । जब सिकंदर नाम का यवन विश्व विजय करके लौट रहा था, लेकिन भारत के एक राजा के सामने जिसके घुटने टिक गए, उन पोरस उर्फ पुरु के वंशजो को क्या राष्ट्रवाद सिखाएंगे आप ?