महेश्वर उनियाल उत्तराखंडी 08 Sep 2023 कविताएँ राजनितिक #NETAJI #RAJNITI #DESHPREM 10745 0 Hindi :: हिंदी
नेता जी नेताजी चल दिये अब चुनाव में मटक-मटक के घूम रहे है गांव में छाले व कांटे पड़ गये है पांव में। भूचाल सा आ गया है नेताजी के आवास में चेले-चमचे घूम रहे है नेता जी के पास में। धोती कुर्ता पहनकर नेताजी चले अब वनवास में जीतना चाहते हे बस इसी चांस में। नेताजी भटक रहे है लोगों के सामने मटक रहे है रुपया तो अब खूब पटक रहे है वोटरों के सामने हाथ पांव छटक रहे है। मंच पर चढ़कर नेता ने खूब झूठ वक दिया किसी ने नेता जी की धोती को खींच कर रख दिया बेशर्म नेता अब कहां जाए तभी इस नेता ने अपने ही पोस्टर से खुद को ढ़क दिया। लेखक- महेश्वर उनियाल 7579155644