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ओमिक्रोन का दहशत

virendra kumar dewangan 30 Mar 2023 आलेख दुःखद Covid&19 & Omicron 87961 0 Hindi :: हिंदी

	कोरोना वायरस के संबंध में कइयों का दावा है कि यह विषाणुओं का समूह है, जो पशु-पक्षियों में होता है। कोविड-19 चमगादड़ या उसके जैसे किसी पक्षी से मनुष्य में आया है। 
	दूसरा दावा फ्रांस के नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक ल्यूक मांन्टेग्नियर का है। उनका कहना है कि नोवेल कोरोना वायरस एक लैब से आया है और एड्स वायरस के खिलाफ एक वैक्सीन बनाने के दौरान लीक हुआ है। 
कोरोना का लक्षण
सेंटर्स आफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने अपनी रिपोर्ट में कोरोना के नौ लक्षण बताए हैं। हालांकि प्रारंभिक अवस्था में कोरोना के केवल तीन लक्षण सर्दी, बुखार व सांस लेने में परेशानी प्रमुख थी, लेकिन अब सीडीसी ने छह लक्षण और गिनाए हैं। 
इनमें कंपकंपी, ठंड लगना, शरीर में दर्द, गले में दर्द, सिर में दर्द व छठा लहसुन, परफ्यूम का गंध व खाने के स्वाद का पता न चलना शामिल किया गया है।
कोरोनावायरस के विस्तार का कारण
1.	विदेश से लौटकर बगैर आइसोलेशन या क्वारेंटीन के समाज में घुल-मिल जाना।
2.	विदेशियों का एक-दूसरे देश में निरंतर आना-जाना और अपने-आप को सेल्फ आइसोलेशन व क्वारेंटाइन में न रखना।
3.	धार्मिक क्रियाकलापों के लिए भीड़ बढ़ाना और बगैर इलाज कराए घरों व मोहल्लों में हिल-मिल जाना।
4.	बाजार, मंडी, शापिंग माल और भीड़भाड़ वाले जगहों में संक्रमितों का जाना।
5.	मास्क का उपयोग सही रीति से न करना।
6.	संक्रमण के बावजूद टेस्टिंग न करवाना।
7.	संक्रमितों का अस्पतालों में रहकर इलाज कराने के बजाए वहां से भाग जाना। 
8.	सोशल या फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन न करना।
9.	लाकडाउन व आपदा प्रबंधन के नियमों का पालन न करना।
10.	आपदा की गंभीरता को न समझकर धर्मविशेष के प्रचार-प्रसार में जुटे रहना।
11.	राजनीतिक रैलियों, आंदोलनों में भारी भीड़ का जुटना, जिसमें न दूरी का पालन करना, न मास्क लगाना।
जब संक्रमित व्यक्ति खांसता-छींकता है, तब यह वायरस महामारी की तरह दूसरे को भी चपेट में ले लेता है। यहां तक कि यह वायरस संक्रमित व्यक्ति को छूने, उसके खांसने, छींकने और हाथ मिलाने से अपने अंदर पहुंच जाता है। कई बार संक्रमित सामग्री को छूने व संपर्क से भी यह फैलता चला जाता है।
वैसे तो इसका लक्षण सामान्य सर्दी, सूखी खांसी व तेज बुखार है, लेकिन जब इसका प्रकोप होता है, तब इससे सिरदर्द, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ होने के साथ फेफड़ों में संक्रमण होता है। 
अमेरिका, यूरोपीय व अन्य विकसित देशों में इसके कहर का एक कारण, यहां तक कि भारत में भी; डायबिटीज, मोटापा, ब्लड प्रेशर और बुढ़ापा को बताया जा रहा है, जो कोरोनावायरस के प्रकोप को झेल नहीं पाते और मौत को गले लगा लेते हैं।
कोरोना संक्रमण से बचने के उपाय
	आयुष मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी कर रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काढ़ा पीने से लेकर व्यायाम, योग व प्राणायाम करने तक की सलाह दी है। उन्होंने परंपरागत आयुर्वेदिक व होमियोपैथिक दवाइयों के उपयोग की भी सलाह दी है। इनमें दिनभर गर्म पानी पीना, रोजाना 30 मिनट व्यायाम करना, भोजन में हल्दी, जीरा, लहसुन, धनिया जैसे मसालों का शुद्धता के साथ उपयोग करना कहा गया है। 
इसी के साथ, सुबह एक चम्मच च्यवनप्राश, तुलसी, दालचीनी, कालीमिर्च, मुनक्का व सोंठ का काढ़ा बनाकर दिन में दो से तीन बार पीने की सलाह भी शामिल है।
भारत सरकार के ड्रग्स कंट्रोलर ने तमाम जांच-पड़ताल के बाद भारत में ही निर्मित भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन कोविशील्ड को देश में 100 करोड़ से अधिक व्यक्तियों का टीकाकरण करवाया है। 
		उपसंहार
वैक्सीन लगने के बाद भी खतरा तब तक नहीं टलनेवाला है, जब तक पूरी दुनिया इस महामारी से मुक्त नहीं हो जाती। 
इसका ज्वलंत उदाहरण तीसरी लहर के रूप में पहले दो लहर से कई गुना ज्यादा खतरनाक वायरस ओमिक्रोन का दुनिया को एकाएक दहशत में भर देना है। 
लिहाजा, ‘दवाई भी और कड़ाई भी’ एवं ‘मास्क ही वैक्सीन है’ के नियम का पालन करना ही होगा। अपने शरीर के रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखना होगा। मास्क, निर्धारित दूरी, हाथ धुलाई और सेनिटाइजेशन को कोरोना से पूर्ण मुक्ति तक अपनाना ही होगा।
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अनुरोध है कि लेखक के द्वारा वृहद पाकेट नावेल ‘पंचायत’ लिखा जा रहा है, जिसको गूगल क्रोम, प्ले स्टोर के माध्यम से writer.pocketnovel.com पर  ‘‘पंचायत, veerendra kumar dewangan से सर्च कर और पाकेट नावेल के चेप्टरों को प्रतिदिन पढ़कर उपन्यास का आनंद उठाया जा सकता है तथा लाईक, कमेंट व शेयर किया जा सकता है। आपकी प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा रहेगी।

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