मोती लाल साहु 15 Feb 2024 शायरी अन्य भवसागर- bhavsagar- कश्ती- kayak- देह- corpus- बसे- live- हृदय- heart- अंदर- within खेवनहार- helmsman- साहिल- rivage- अंदर की शांति ही मंजिल- inner peace is the destination- शायरी- poetry मोती- Moti 8562 0 Hindi :: हिंदी
ये ठोकरें होंगे- राहों में मंज़िल को, ये गिरना उठाना- तू चलना मंज़िल को, कश्ती जान- ए-देह-भवसागर को बंधु रे तन बसे- खेवनहार साहिल को बंधु रे।। -मोती