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बचपन के दिन

Anany shukla 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य यूँ पीछे कर पाता 98664 0 Hindi :: हिंदी

काश मैं समय को यूँ पीछे कर पाता,
बचपन के उस युग में फिर से पहुंच जाता
कभी भोलापन तो कभी शरारत 
मस्ती भरे दिन फिर वही मुस्कुराहट
संग दोस्तों का वो बारिश में नहाना
पापा की डॉट फिर वो बहाना
मम्मी का आंचल उसमें छुप जाना
नहीं भूल सकता प्यार भरा वो नाता
काश मैं समय को यूँ पीछे कर पाता
आंधी और बारिश में यूं ही निकल जाना
आम के पेड़ों पर यूं ही चढ़ जाना
 संग दोस्तों का खेल वो निराला
 माटी में गिरकर फिर यूँ उठ जाना
 कैसे भूल जाऊं यह प्यार भरा नाता
 काश मैं समय को  यूँ पीछे कर पाता

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