Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत आना सिर्फ मेरे लिए 20178 0 Hindi :: हिंदी
तू जब भी आना सिर्फ मेरे लिए आना जो चहु कर सकू जैसे चहु रह सकू कुछ सुनु कुछ सुना सकू तू रूठे तो मना सकू तू आना जरूर पर मेरे लिए तुझे कुछ पल के लिए ही अपना बस अपना बना सकू मैं इंतजार में हु उस पल उस घडी उस समय उस बक्त का तुझे अपने बाँहों में सुला सकू तू आना जरूर पर सिर्फ मेरे लिए तू होगी मैं होऊंगा और थोड़ा तेरा साथ खट्टी मीठी बातें होगी थोड़ा सिक्वे शिकायत होंगे और होंगे हम पास पास तू मेरी बाँहों में होगी और होगा खूबसूरत एहसास आना जरूर सिर्फ और सिर्फ मेरे लिए कुछ तू कहना कुछ मैं कहूंगा होगी थोड़ी तकरार तू रूठे मैं मनाऊ बस इतना सा हैं खाव तू मेरी सासों में घुल जाये मैं तुझ में तामील होजाउ तू मुझ में ही सिमट जाये तू मुझ से मैं तुझ से लिपट जाये जब तक जान में हो जान तू जब भी आना आना सिर्फ मेरे लिए