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बसरते उन यादों में

Mukesh Namdev 18 May 2023 शायरी प्यार-महोब्बत अलमारी,वजूद,वक्त,परत 11771 0 Hindi :: हिंदी

सुनो ना,
"आज मैंने कई सालों बाद अपनी अलमारी खोली तुमसे जुड़ी हुई बहुत-सी यादें आज भी मेरे पास हैं बसरते उन यादों में एक धुँधली -सी परत जम गई है वो परत वक्त की है कई दफा साफ करने के बाद भी वो धुँधली परत साफ तो हो गई लेकिन उसने कहीं ना कहीं तुम्हारे वजूद को हटाने की कोशिश की है"
                               #Mukesh Namdev

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