संदीप कुमार सिंह 30 Mar 2023 गीत समाजिक मेरा यह गीत पाठक लोगों के लिए प्यार भरा पैगाम है। जो आपको रोमांचित भी करेगा और जीवन मे आपका भरपुर साथ भी निभाएगा। 11467 0 Hindi :: हिंदी
रोके से रुकती नहीं,नजर करे दीदार। अति हर्षित तब मन हुआ,रोम रोम गुलजार।। रोके से रुकती नहीं,मेरे मधुर विचार। सबको सदा प्रकाश दे,खुशी भरी संसार।। रोके से रुकती नहीं,मेरी अटल उड़ान। हासिल सभी मुराद है,बुद्धि भरी पहचान।। रोके से रुकती नहीं, करूं अनवरत काम। पाया सही मकाम को,जीवन नहीं विराम।। रोके से रुकती नहीं,जीवों का कल्याण। जीत सही का सर्वदा,कहते सभी पुराण।। संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....