Abhinav chaturvedi 07 Sep 2023 कविताएँ दुःखद Abhinav chaturvedi 8022 0 Hindi :: हिंदी
वो सख्श जो मुझसे दूर गया है। संग लेकर मेरा वजूद गया है। मुझपर उसका पूरा हक था, थोड़ा बहुत उसपर मेरा। वो ये सारी बातें भूल गया है। वो शख्श जो मुझसे दूर गया है। संग लेकर मेरा वजूद गया है। मेरे-उसके रिश्ते को मजाक बना रखे हैं। दुनिया वाले मेरे लिए, उसे अनजान बना रखे हैं। उसकी यादें धूमिल हैं। परेशान मेरा दिल है। लगता है उसकी आँखों से, मेरा दरिया सुख गया है। वो सख्श जो मुझे दूर गया है। संग लेकर मेरा वजूद गया है। उसके लिए हरदम ही दुआएं मांगा मैं। बेचैनी के बीच सदा दिन-रात जागा मैं। इस रिश्ते से अलग किया गया एकमात्र धागा मैं। इस रिश्ते को मुकाम देने वाला, सख्श शायद रूठ गया है। वो सख्श जो मुझे दूर गया है। संग लेकर मेरा वजूद गया है।