Trishika Srivastava 16 May 2023 शायरी दुःखद 7879 1 5 Hindi :: हिंदी
अपनी ही निगाहों में गुनहगार हो गई हूँ हर सजा की मैं हक़दार हो गई हूँ तमाम उम्र नहीं देखूंगी ख़ुद को आईने में ऐ ख़ुदा! मैं इतनी दागदार हो गई हूँ - त्रिशिका श्रीवास्तव ‘धरा’
9 months ago