Sunil suthar 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत पैर कब्र मे हैं लेकिन इस प्यार कि कोई उम्र नहीं, अटूट प्रेम, असीम प्रेम, 9748 0 Hindi :: हिंदी
कविता -(पैर कब्र मे हैं लेकिन इस प्यार की कोई उम्र नहीं ) पैर कब्र हैं लेकिन इस प्यार की कोई उम्र नहीं अनंत आकाश की तरह हैं, दूर तक जिसका कोई और छोर नहीं, पैर कब्र हैं लेकिन इस प्यार की कोई उम्र नहीं, बहता नीर की तरह और कहे तो समीर की तरह, कोई बंधन नहीं, अस्तित्व को स्वस्थ बनता और इसका कोई जोर नहीं, पैर कब्र हैं लेकिन इस प्यार की कोई उम्र नहीं, धधकती अग्नि की तरह, तपते सूर्य की तरह, प्राणियों के अन्तःकरण में छिपा हैं,बुझा नहीं, प्रदीप्त प्रकाश की तरह,प्रज्वलित करने का कोई और ठोर नहीं, पैर कब्र हैं लेकिन इस प्यार की कोई उम्र नहीं || और हैं यह दोमट मिट्टी की तरह, रिश्तों में आयी दरार को भर देता हैं,दिखाता नहीं, प्यार, कुमार और कलम की यारी इस जहाँ में कही ओर नहीं, पैर कब्र हैं लेकिन इस प्यार की कोई उम्र नहीं || सुनील सुथार