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प्रेम प्रीत से है जहां

संदीप कुमार सिंह 16 May 2023 गीत प्यार-महोब्बत मेरा यह गीत समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 4996 0 Hindi :: हिंदी

प्रेम प्रीत से है जहां, प्रेम प्रीत है साज।
स्वर्ग लगे तब यह धरा, खुशियों में हो आज।।

प्रेम प्रीत बिन शून्य जग, रहे उदासी राज।
उलझन का हो सामना, बिगड़े तब सब काज।।

प्रेम प्रीत मानव रखें, कटे जिन्दगी खूब।
सुरभित रहते आप हो, सपने हो मंसूब।।

प्रेम प्रीत श्रृंगार कर, सबके दिल में आप।
जो चाहे सो ही मिले,यही अद्वितीय जाप।।

प्रेम प्रीत के मेल से, छूं लूं मैं आकाश।
आगे ही आगे बढूं, होते नहीं निराश।।
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)
बिहार

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