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कण कण मे है भगवान -आत्मा उसकी ज्योति निर्मल

Shivani singh 15 Jul 2023 गीत अन्य 7203 1 5 Hindi :: हिंदी

कण कण में है भगवान

कण कण में है भगवान, आत्मा उसकी ज्योति निर्मल।
सर्वत्र व्याप्त वही है, नहीं कहीं भी अभिमान।।

पुण्य पाप की गिनती नहीं, सच्चा यही धर्म।
सबको वो देता फल जिसके कर्मों का हो अनुशासन।।

सृष्टि के आधार हैं वे, सृजनहार और संहार।
सबमें वे बसे हुए हैं, सतत उनका ध्यान कर।।

मन में धारण कर उनको, तू पाएगा शांति अपार।
ज्ञानी, भक्त, तपस्वी, सभी को उनसे मिलता प्यार।।

जगत के सृष्टिकर्ता, सबके पालनहार।
कण कण में है भगवान, सतत उनका स्मरण कर।।

धरती, आकाश, समुद्र, वन, पहाड़, झील और नदी।
सबमें वे विराजमान हैं, न उन्हें कुछ अलग जानो स्वयं तुम भी।।

सूरज, चाँद, तारे, बादल, बिजली, हवा और पानी।
सब उनके हाथों में हैं, भगवान की शक्ति का वर्णन नहीं कर पाने हैं हम कभी।।

कण कण में है भगवान, यह अनमोल तत्व जान।
प्रेम से जुड़ जा उससे, मिलेगा सदैव आनंद बन।।

जीवन को जियो ध्यान से, सब दुखों का करो समाधान।
कण कण में है भगवान, यह यथार्थ तत्व जान।।

Comments & Reviews

संदीप कुमार सिंह
संदीप कुमार सिंह बहुत खूब, लाजवाब।

9 months ago

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