मारूफ आलम 30 Mar 2023 ग़ज़ल धार्मिक #गजल#gajal#dharmik sayari# धार्मिक शायरी# siyahi # 65376 0 Hindi :: हिंदी
सच्चाई की कलम,हक की रौशनाई बनेगा है कोई जो दावत देगा,खुदा का दाई बनेगा इबादत करने वाले लोग फिरदौस मे जाऐंगे बेनमाजी मौत के बाद कब्र की खाई बनेगा वो भी तन्हा हो गए,मैं भी तन्हा हो जाऊंगा सब ही तन्हा हो जाऐंगे,तू भी तन्हाई बनेगा हर्फ़ों की तरह उड़ जाऐंगे जिंदगी के पन्नों से कौन हमेशा के लिए कागज की स्याही बनेगा बदन तो गलकर मिट्टी का निवाला हो जाऐगा बाकी बचा साया जहन्नुम की परछाई बनेगा मारूफ आलम