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काली घटा का घमंड देखा रंग रूप एक जैसा आसमान

Tikeswari 13 Jul 2023 कविताएँ बाल-साहित्य Motivesion 6638 0 Hindi :: हिंदी

1. काली घटा का घमंड देखा रंग रूप एक जैसा आसमान को छूने चली है मकड़ी टूटा जाल बिखर गई कोशिश.
2. झूंड बना कर खड़ा इंसान झांक झांक कर देखता बादल चंचला भी चमकती है मानो ह्रदय थम गई हो .
3. हवा भी सर सर करती मानो  वह झुमी  झुकी डाली हो
कगार पर बैठा बगुला अपनी  पीड़ा बटोरता 
अंधकार की तरह कष्ट की छाया में डूब गया।
4. कोकिल भी मधुर आवाज से मन को भर पाए
तन में था  चिंगारी बुझ गया है अब
लकड़ी काटने गया लकड़हारा बचा दिया 
दीमक भी चढ़ने लगा मानो पेड़ो का कंकाल बना दिया
5. काले धुएं बादल में ऐसे गुम जाऊ कि मैं खुद को पहचान ना पाऊं
ऐसे अंधेरे में भी मुझे सहारा ना मिला ममता के बादल में  भी सुख न मिला 
6. कमजोर शरीर पर भी अंधेरों का घेरा था
वियोगी दर्द को अंधेरों में छिपा दिया।
अब मैं असहनीय हो गई हूं अब दुखी से बाहर निकलना चाहती हूं । अब स्वयं का पहचान बना  न पाई ।
6. विपत्ति की बादल की तरह भयभीत हूं असमर्थ हूं वियोग से
जीवन में भी बिना पलक झपकाए में भ्रमित हूं
वास्तविक पीड़ा में भी बेचैनी दिखाकर भी आश्वस्त हूं 
धारे भी किनारों में टकरा टकरा कर चलती अपनी मंजिल पर।
आंधी भी अपनी ताकत वन वन करता परिचित
ना ही शक्ति न खुद को पहचाना चलते गए अपनी मंजिल पर।

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