मोती लाल साहु 14 May 2023 शायरी समाजिक मांँ के आंचल के सिवा इस धरती में स्वर्ग कहा, मांँ की आंखों में आंसू होते पर मुस्कुराती सदा- ईश्वर ने अपना रूप मांँ को दिया- इसलिए मैं मांँ की इबादत करता हूं। 7149 0 Hindi :: हिंदी
मांँ दर्द सहती- हमेशा मांँ मुझे, साहलाती-पुचकारती मांँ के आंखों में आंसू- होते पर मुस्कुराती सदा मांँ के आंचल के सिवा- इस धरती में स्वर्ग कहा ईश्वर ने- अपना रूप मांँ को दिया इसीलिए- मैं मांँ की इबादत करता हूं -मोती